वासा(अडूसा) वासा के पौधे को अडूसा के नाम भी जाना जाता है (हमारे गांव की भाषा में इसे रूस बोलते है

वासा(अडूसा)
वासा के पौधे को अडूसा के नाम भी जाना जाता है (हमारे गांव की भाषा में इसे रूस बोलते है )।इसके फल, फूल, पत्तियां, जड़ जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होती हैं। इसमें भरपूर मात्रा में मिमोसिन एल्कलॉइड, टैनिन और टर्मोरिन जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हमें कई गंभीर बीमारियों से बचाते हैं, बस इसको सही से इस्तेमाल करने की जरूरत होती है।
वासा के बारे में कौन नहीं जानता। असल में दादी-नानी के जमाने से वासा का प्रयोग सर्दी-जुकाम के इलाज के लिए घरेलू नुस्ख़ों के तौर पर सबसे ज्यादा प्रयोग किया जाता है। वासा के फूलों में शहद के जैसी मिठास वाला पदार्थ निकलता है। आयुर्वेद में भी वासा का औषधि के रुप में विशिष्ट स्थान है। आयुर्वेद में कहा जाता है कि वासा वात, पित्त और कफ को कम करने में बहुत काम आता है। इसके अलावा वासा सिरदर्द, आँखों की बीमारी, पाइल्स, मूत्र रोग जैसे अनेक बीमारियों में बहुत फायदेमंद साबित होता है।
1.अगर किसी इंफेक्शन के कारण मुंह में घाव या सूजन हुआ है, तो अडूसा का प्रयोग जल्दी आराम देता है. यदि केवल मुख में छाले हों तो अडूसा के 2-3 पत्तों को चबाकर उसके रस को चूसने से लाभ होता है,इसकी लकड़ी का दातौन करने से मुख के रोग दूर हो जाते हैं,वासा के 50 मिली काढ़े में एक चम्मच गेरू और दो चम्मच मधु मिलाकर मुख में रखने से मुंह का घाव सूख जाता है।
2.अगर आप दांत दर्द से परेशान हैं, इसके लिए अडूसा के पत्तों के काढ़े से कुल्ला करने से दांत दर्द कम होता है.
3.अक्सर हर किसी को सिरदर्द की शिकायत रहती है, सिर दर्द से निजात पाने के लिए पेन किलर की जगह अडूसा का सेवन करें, अडूसा के छाया में सूखे हुए फूलों को पीस लें 1-2 ग्राम फूलों के चूर्ण में समान मात्रा में गुड़ मिलाकर खाएं आपको सिर दर्द से राहत मिलेगी।
4.अर्थराइटिस के दर्द में फायदेमंद जोड़ों में दर्द है तो आप वासा की मदद से उसे दूर कर सकते हैं,वासा में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं. यूरिक एसिड बढ़ने के कारण घुटनों में दर्द होता है. आप अगर वासा का पाउडर पानी के साथ लें, तो यूरिक एसिड कम होगा और दर्द ठीक हो जाएगा. आप चाहें तो वासा की पत्तियों का मिश्रण बनाकर लेप की तरह घुटने या ज्वॉइंट्स पर लगा सकते हैं।
5.खांसी व सांस फूलने की बीमारी में फायदेमंद अगर किसी की सांस फूलता है या फिर सूखी खांसी है तो आप वासा की पत्तियों का रस निकाल कर उसमें शहद मिलाकर उसका सेवन करें, सूखी खांसी को दूर करने के लिए अडूसा के पत्ते, मुनक्का और मिश्री का काढ़ा पीने से जल्द से जल्द खांसी से राहत मिलेगी।
6.तपेदिक जैसे संक्रामक रोग में भी वासा का औषधीय गुण बहुत फायदेमंद तरीके से काम करता है। अडूसा के पत्तों के 20-30 मिली काढ़े में छोटी पीपल का 1 ग्राम चूर्ण मिलाकर पिलाने से तपेदिक और खांसी में आराम मिलता है।
7.अक्सर मसालेदार या बाजार का कुछ भी तला हुआ खाने संक्रमण हो जाता है ,अगर ऐसे संक्रमण के कारण दस्त हो रहा और ठीक नहीं हो रहे है ,तो वासा का घरेलू उपाय जल्द आराम दिलाने में मदद करेगा। 10-20 मिली वासा पत्ते के रस को दिन में तीन-चार बार पीने से दस्त में लाभ होता है।
8.फोड़ा अगर सूख नहीं रहा है तो वासा का इस तरह से प्रयोग करने पर जल्दी सूख जाता है। फोड़े पर प्रारंभ में ही इसके पत्तों को पानी के साथ पीसकर लेप कर दें, तो फोड़ा बैठ जाता है और कोई कष्ट नहीं होता।
9.वासा का औषधीय गुण किडनी के दर्द से आराम दिलाने में बहुत फायदेमंद है। अडूसे और नीम के पत्तों को गर्म कर नाभि के निचले भाग पर सेंक करने से तथा वासा के पत्तों के 5 मिली रस में 5 मिली शहद मिलाकर पिलाने से गुर्दे के भयंकर दर्द में आश्चर्यजनक रूप से लाभ पहुंचता है।
10.अगर पीलिया हुआ है और आप इसके लक्षणों से परेशान हैं तो वासा का सेवन इस तरह से कर सकते हैं। वासा पञ्चाङ्ग के 10 मिली रस में मधु और मिश्री समान मात्रा में मिलाकर पिलाने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है।
ये पोस्ट सिर्फ आप सभी तक जानकारी के लिए है,वासा का सेवन आयुर्वेदिक डॉ की सलाह से करें